हिमाचल प्रदेश के निर्माता व प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशंवत सिंह परमार की 19वीं जयंती सोलन में धूमधाम से मनाई गई। सोलन के चिल्ड्रन पार्क स्थित उनकी प्रतिमा पर नगर निगम सोलन की मेयर ऊषा शर्मा ने माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ने हिमाचल के गठन में डॉ. परमार के अमूल्य योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी दूरदर्शी सोच से प्रदेश आगे बढ़ रहा है। उन्हीं की सोच के बदौलत हिमाचल पहाड़ी प्रदेशों में अग्रिम राज्य बन चुका है। पूर्व सांसद व वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि डॉ. परमार को याद करते हुए कहा कि हिमाचल निर्माण में उनके द्वारा दिए गए योगदान को युगों-युगों तक याद रखा जाएगा। डॉ. परमार ने हिमाचल में सडक़ों के निर्माण को अपनी पहली और अंतिम प्राथमिकताओं में शामिल किया था ताकि पहाड़ों की भाग्य रेखाएं कहलवाने वाली सडक़ों के विस्तार से हिमाचल में समृद्धि और खुशहाली आ सकें। सिरमौर कल्याण मंच के प्रधान प्रदीप मंमगाई ने कहा कि मंच प्रदेश की एकमात्र ऐसी संस्था है, जो सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक डॉ. परमार की जयंती को उत्सव के रूप में मनाती है। मंच पिछले 24 वर्षों से यह जयंती मना रहा है। इस अवसर पर जिला कांग्रेस सोलन कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष शिव कुमार, पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, कांग्रेस नेत्री संधीरा दुल्टा, एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज, बलदेव चौहान, कंवर वीरेंद्र सिंह, अजय कंवर, रमेश शर्मा, यशपाल कपूर, डॉ. धर्मचंद गुलेरिया, डॉ. रामगोपाल शर्मा, पदम पुंडीर, जोगेंद्र चौहान, केआर कश्यप,सत्यपाल ठाकुर, अजय कंवर, शमशेर ठाकुर, वरूण चौहान, मनोज पुंडीर, योगराज चौहान, एसपी शर्मा, राजेंद्र शर्मा, डॉ.नरेंद्र शर्मा, विपुल कश्यप, शमशेर ठाकुर, मदन हिमाचली महेंद्र गौतम, जय ठाकुर, डॉ.लोकेश मंमगाई, एलआर दहिया,कमल सिंह कमल, उमेश कमल, कुलदीप, कविराज चौहान, जयचंद शर्मा समेत अन्य सैकड़ों लोगों ने भी डॉ. परमार को श्रद्धासुमन अर्पित किए। 40 लोगों ने किया रक्तदान…. डॉ. परमार जयंती के मौके पर सिरमौर कल्याण मंच से 24वां रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इसमें सिरमौर मंच के सदस्यों बढ़चढ़ कर भाग लिया। मंच के महासचिव यशपाल कपूर ने 48वीं बार रक्तदान किया। इसके अलावा विपुल कश्यप, शमशेर ठाकुर ने भी 20 से अधिक बार रक्तदान कर इस पुनीत कार्य भाग लिया। रक्तदान शिविर में मंच के वरिष्ठ सदस्य कंवर वीरेंद्र सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। शिविर के प्रभारी व मंच के अध्यक्ष प्रदीप मंमगाई ने कहा कि इस शिविर के सफल संचालन में रवि मदान और विजय यादव का निरंतर सहयोग मिलता है। साथ ही कुमारहट्टी के व्यवसायी यश कपिल ने भी सहयोग किया। युगदृष्टा थे डॉ परमार: डॉ. ओमप्रकाश शर्मा इसके बाद विचार गोष्ठी व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें जिला उद्योग केंद्र सोलन के महाप्रबंधक सुरेंद्र सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस सत्र में बीज वक्ता रहे हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में परमार पीठ के चेयरमैन प्रोफेसर डॉ. ओमप्रकाश शर्मा। इस मौके पर बोलते मुख्यातिथि सुरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि डॉ. परमार के दूरदर्शी कार्यों के कारण हिमाचल प्रदेश आज विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार की जयंती पर यदि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलें तो यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पहाड़ी भाषा आठवीं सूची में शामिल होने की पूरी पात्र : डॉ शर्मा सत्र के बीज वक्ता डॉ. ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि डॉ.परमार कोई साधारण व्यक्तित्व नहीं अपितु एक युगदृष्टा थे। उन्होंने कहा कि डॉ.परमार के बिना हम अधूरे हैं। उन्होनें कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होने के लिए पहाड़ी भाषा पूरी पात्र हैं। उन्होंने कहा कि परमार ने हमेशा पहाड़, पहाड़ी और पहाड़ीजन को महत्व दिया। 1975 में डॉ. परमार ने मंडी में पहाड़ी भाषा पर जोर दिया था। आज नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा में शिक्षण पर जोर दिया जा रहा है। दूरदर्शी सोच को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कृषि सहकार की बात की थी। एकल व्यवस्था से कृषि या बागबानी संभव नहीं। पर्यावरण और पारिस्थितिकी संतुलन और सांस्कृतिक विरासत को बचाने पर हमेशा ही बल देते रहे।
इस मौके पर कांग्रेस नेता जगमोहन मल्होत्रा ने प्रकृति के रोद्र रूप पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हिमाचल को बहुत सी नियामतें दी है। ऐसे में यदि हम डॉ. परमार के बताये रास्ते पर चलकर ही प्राकृतिक आपदाओं से बच सकते हैं। भाजपा नेत्री शीला कुमारी ने अपनी मां बोली के संरक्षण की बात कही और साथ में ही उन्होंने कहा कि डॉ. परमार सिरमौर के ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के निर्माता थे, सभी को इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज और डॉ. धर्मचंद गुलेरिया ने भी डॉ परमार के विजन पर विचार रखे। हिमाचल के जानेमाने लोकगायक डॉ. केएल सहगल ने डॉ. परमार के जीवन पर गीत के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। बाकां हिमाचल म्हारा, डाक्टर परमारा। ने खूब तालियां बटोरी। इसके अलावा अनन्या मंमगाई ने वीररस की कविता पढक़र कर जोश भरा। अर्शिता कंवर ने डॉ. परमार पर कवितापाठ कर वाहवाही लूटी। नन्ही सीरत ठाकुर ने भी मां पर कविता सुनाकर तालियां बटोरी। इसके अलावा डॉ कुलराजीव पंत ने शिमला के समाजसेवी बॉबी सरदार के रोटी बैंक को कविता के माध्यम से पेश किया। इसके अलावा डॉ. अर्चना पंत ने नारी की व्यथा को कुछ यूं कहा, .. उठ नारी तू जाग जरा…, हेमंत अत्रि ने मंडी के सिराज में आई प्राकृतिक आपदा पर अपनी कविता पढ़ी। जगदीश पाबुच ने पहाड़ी कविता पाछू चाल आपणे गांव खे, सोलन के सीएमओ डॉ. अजय पाठक ने धर्मयुद्ध कविता के माध्यम से समा बांधा। इसके अलावा राधा चौहान, संगत सिंह पुंडीर, केआर कश्यप, सुखदर्शन ठाकुर, रामलाल राही समेत अन्यों ने भी कविता के माध्यम से अपने विचार रखे। इससे पूर्व गोष्ठी के संयोजक व डॉ. यशवंत सिंह परमार स्मृति समारोह आयोजन समिति के अध्यक्ष बलदेव चौहान ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और डॉ. यशवंत सिंह परमार को भारत रत्न प्रदान करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभागार में मौजूद सभी लोगों का समर्थन मिला। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए स्यंदन संस्था ने भी सहयोग किया। मंच का संचालन यशपाल कपूर व डॉ. रामगोपाल शर्मा ने किया। इस मौके पर नरेंद्र चौहान, जोगेंद्र सिंह चौहान, दर्शन सिंह पुंडीर समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। सोलन के शिव बेकर्स की ओर से हर साल की भांति इस साल भी केक दिया गया। मुख्यातिथि व सबसे छोटी बच्ची सीरत ठाकुर ने केक काटा और डॉ.परमार के जन्मदिन की खुशियां मनाई।