कसौली में राजकीय प्राथमिक शिक्षक महासंघ, खंड धर्मपुर द्वारा नई क्लस्टर प्रणाली की अधिसूचित दिशा निर्देशों के विरोध में शांतिपूर्ण रोष प्रदर्शन

5 अक्टूबर, 2025 को उपमंडल अधिकारी कार्यालय, कसौली में राजकीय प्राथमिक शिक्षक महासंघ, खंड धर्मपुर द्वारा नई क्लस्टर प्रणाली की अधिसूचित दिशा निर्देशों के विरोध में शांतिपूर्ण रोष प्रदर्शन किया गया। जिसमें खंड अध्यक्ष श्री अमित बंसल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हेमराज तंवर, महासचिव श्री सुनील शर्मा, कोषाध्यक्ष श्री राहुल शर्मा, पूर्व प्रधान एवं मुख्य सलाहकार श्रीमती सुनील भाटिया,प्राथमिक शिक्षक महासंघ जिला सोलन की महिला विंग की अध्यक्षा श्रीमती पवन रेखा, सहसचिव श्रीमती प्रीति संधू , श्रीमती भागीरथी शर्मा, केंद्र अध्यक्ष श्री कमल देव, केंद्र अध्यक्ष श्री हेमचंद, केंद्र अध्यक्ष श्री मदन एवं अन्य पदाधिकारी के साथ-साथ लगभग 50 से 55 शिक्षकों ने भाग लिया। नई क्लस्टर प्रणाली की विभिन्न कमियों और इसके बच्चों के भविष्य पर पड़ने वाले दूरगामी नकारात्मक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की गई की। किस प्रकार इस प्रणाली में रिसोर्स शेयरिंग करना 70% से भी अधिक स्कूलों में हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए संभव हो नहीं सकेगा, कई किलोमीटर की लंबी दूरी तय करके तो ऐसा कर पाना और भी कठिन है और साथ ही इससे छोटे बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना भी मुश्किल हो जाएगा। अध्यापकों के इतने रिक्त पद खाली रहते हुए मात्र डेपुटेशन करके रिसोर्स शेयरिंग के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को ऊपर नहीं लाया जा सकता। इस पर भी विस्तार से बात की गई कि प्राथमिक शिक्षा के लिए प्राथमिक शिक्षक ही नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) के द्वारा स्थापित मापदंडों के अनुसार क्वालिफाइड हैं और प्रशिक्षित हैं, अतः टीजीटी और पीजीटी का इन कक्षाओं को बच्चों की मनोवैज्ञानिक स्थिति एवं सीखने के स्तर के साथ सामंजस्य बिठाते हुए दक्षता से पढ़ा पाना उनके लिए कठिन है क्योंकि वह ऐसा करने के लिए क्वालिफाइड नहीं है और उसी प्रकार प्राथमिक शिक्षक प्राथमिक कक्षाओं से ऊपर की कक्षाओं को पढ़ने के लिए एनसीटीई के मापदंडों के अनुसार क्वालिफाइड नहीं है और इसी प्रकार से शिक्षकों की भर्ती भी अब तक होती आई है क्योंकि यही मापदंड मान्य है।
वर्तमान में जो क्लस्टर व्यवस्था चल रही है उसी के रहते हुए हिमाचल पूर्ण साक्षर राज्य बना है तथा विभिन्न प्रकार की राष्ट्रीय स्तर पर चल रही असेसमेंट प्रोग्राम्स में भारत भर में अग्रणी राज्य रहा है। और कुछ वर्गों में तो हिमाचल प्रथम स्थान पर भी रहा। यह सब वर्तमान व्यवस्था के रहते हुए ही हुआ है किसी भी प्रकार का प्रयोग जिसे पायलट प्रोजेक्ट चलकर उसके परिणामों का वैज्ञानिक अध्ययन भी अभी तक ना किया गया हो, हिमाचल को नीचे की ओर ले जा सकता है।
इसके अतिरिक्त भी कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसका विस्तृत उल्लेख ज्ञापन में दिया गया है। कुल 10 पेज का ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी के नाम राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ खंड धर्मपुर के प्रतिनिधियों ने मौके पर माननीय तहसीलदार कसौली जी को सौंपा। साथ ही महासंघ ने माननीय मुख्यमंत्री जी से मीडिया के माध्यम से निवेदन किया कि जिस प्रकार आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति के नकारात्मक प्रभाव को जानने में कई वर्ष लग गए और इतने में एक पूरी पीढ़ी के साथ प्रयोग हुआ और इसके नकारात्मक प्रभाव उस पूरी पीढ़ी पर पड़े। और उसे वर्षों बाद सुधार कर अब पांचवी कक्षा में यदि बच्चा फेल हो जाता है तो उसे अगली कक्षा में नहीं किया जाएगा ऐसा संशोधन किया गया। उसी प्रकार से किसी भी नीति को लागू करने से पूर्व यदि एक सीमित क्षेत्र में जो की दूरस्थ क्षेत्र हो। वहां पर इस नई क्लस्टर प्रणाली को पहले बतौर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाए और उसके परिणामों की वैज्ञानिक अध्ययन शिक्षाविदों द्वारा किया जाए। उसके बाद ही इस पूरे प्रदेश में लागू किया जाए ताकि प्राथमिक शिक्षा एक नए प्रयोग के नकारात्मक प्रभाव से बच सके और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रह सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *