जनता की अदालत में दलील, अपील, तारीख नहीं, फैसले होते हैं —- विवेक शर्मा

 सोलन: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने धारा 197 ए की उप धारा 65 में संशोधन पर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा न्यायालय में न्याय विद भी असहज हो तो मान लीजिए कि हिमाचल सरकार कार्यरत है। हिमाचल प्रदेश सर्विस कंडक्ट रूल्स संशोधन (सेवा आचरण नियम) 2024, जिसे जुलाई 2025 में संशोधित कर दिया गया है। सरकारी कार्य से संबंधित सेवा मे कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी से विभागीय संबंधित कोई भी कार्रवाई, गिरफ्तारी, निलंबन, विभागीय जांच, विजिलेंस जांच, सी.बी.आई, आदि की कार्रवाई करने से पूर्व संबंधित विभागीय अनुमति अनिवार्य हो गई है। किसी अधिकारी को न्यायिक जांच में पूछताछ या गिरफ्तार करने के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति अनिवार्य हो गई है यानी कि जो अधिकारी सरकार की रजामंदी से विभागीय भ्रष्टाचार करेगा उसे संपूर्णता सुरक्षा प्राप्त रहेगी। विवेक शर्मा ने कहां

 डॉ मनमोहन सिंह की आर.टी.आई का श्रेय लेती कांग्रेस ने धारा 197 ए की उप धारा 65 हिमाचल प्रदेश पुलिस एक्ट संशोधन 2024 में यह प्रावधान जोड़कर आर.टी.आई का विकल्प निकाला है। जिस पर भ्रष्टाचार की जानकारी के पश्चात भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी। प्रदेश उच्च न्यायालय सरकार से डाउटफुल इंटीग्रिटी एम्पलाइज ( संदिग्ध एकीकृत अधिकारियों) की सूची मांग चुका है। न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर निरंतर कौसट लग रही है। चाहे वह प्रदेश की जनता के अधिकारों के पक्ष के मामले हो ,पर्यावरण से संबंधित मामले हो या कर्मचारी की विभागीय चुनौतियां हो ,प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारी उत्तर नहीं दे रहे हैं। आमजन अगर कार्यालय में खड़ा होकर प्रश्न पूछने का साहस भी करता है तो सरकारी काम में हस्तक्षेप या विघ्न उत्पन्न करने का मुकदमा दर्ज हो जाता है। यह कौन सा लोकतांत्रिक कानून है। कांग्रेस सरकार में ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ना से लेकर हत्याएं और आत्महत्याओं तक की नौबत

आ गई है। यह सर्विस कंडक्ट रूल संशोधन, न्याय व्यवस्था से विश्वास को समाप्त कर देगा और यहां तक के जांच एजेंसियों से लेकर न्यायालय तक की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करेगा। इस संशोधन के पुनः निरस्त होने की संभावना शून्य के समान है क्योंकि दृढ़ संकल्प इच्छा शक्ति राजनीतिक नेतृत्व ही इस व्यवस्था से उलझने की ताकत रखेगा। यह सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का प्रदेश की जनता को दिया हुआ ऐतिहासिक उत्पीड़न और दर्द साबित होगा, जो हिमाचल का इतिहास बदलेगा एक और बेरोजगारी का आलम, सेवानिवृत्ति व सेवार्थ कर्मचारियों का उत्पीड़न, संस्थाओं को बंद करने की 3 वर्ष से चली हुई आपदा, का व्याख्यान मुख्यमंत्री व सहयोगियों के दिल्ली प्रवास के दौरान कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के सामने हुई बैठक में प्रदेश की यथा, व्यथा सार्वजनिक हुई हैं। लेकिन सत्ता के लालच में अव्यवस्थता का विरोध कमजोर पड़ता दिखा है।

दुर्भाग्य है कांग्रेसियों का जो अपना 140 साल का इतिहास बताते है,स्वतंत्रता संग्राम का श्रेय खाते हैं ।पंडित नेहरू कितने दिन जेल में रहे कहानी सुनाते हैं। लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे लगाते हैं। लेकिन एक बीमार मानसिकता के आगे घुटने टेके हुए हैं और बड़े गर्व से बताते हैं यह व्यवस्था परिवर्तन है।

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