वन्दे भारत सिर्फ़ हमारा राष्ट्रगीत नहीं बल्कि जीते जागते राष्ट्र की आत्मा: अनुराग सिंह ठाकुर

7 नवम्बर 2025, शिमला: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने व स्मरणोत्सव के शुभारंभ पर देवभूमि हिमाचल के शिमला में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का सामूहिक गायन व राष्ट्रगीत के प्रति अपने विचारों को प्रकट किया।

श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “भारत की एकता, अखंडता, एकात्मकता व स्वाधीनता के महायज्ञ में राष्ट्रनायकों को प्रेरित करने में हमारे राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् का योगदान अनुपम और अतुलनीय है। आज, जब राष्ट्रगीत वंदे मातरम् अपनी 150 वर्ष की स्वर्णिम गौरवगाथा के पड़ाव पर है तो हमें स्वाधीनता, राष्ट्रनायकों व महानुभावों का इस गीत को भारत की आत्मा में बसाने के लिए अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहिए।वन्दे भारत सिर्फ़ हमारा राष्ट्रगीत नहीं बल्कि जीते जागते राष्ट्र की आत्मा है। और जब हम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्यरत हैं तो यही राष्ट्रगीत हमारे प्रयासों व कर्मों का ध्येय मंत्र है। आज राष्ट्रीय गीत की 150वीं वर्षगाँठ सिर्फ़ इतिहास को याद करने का अवसर नहीं, बल्कि स्वदेशी के संकल्प को मन-कर्म-वचन से आत्मसात् करने का क्षण है, जिसकी आधारशिला पर विकसित भारत की भव्य प्रतिमा हमें गौरवान्वित करेगी।

7 नवम्बर 2025, शिमला: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने व स्मरणोत्सव के शुभारंभ पर देवभूमि हिमाचल के शिमला में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का सामूहिक गायन व राष्ट्रगीत के प्रति अपने विचारों को प्रकट किया।

श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “भारत की एकता, अखंडता, एकात्मकता व स्वाधीनता के महायज्ञ में राष्ट्रनायकों को प्रेरित करने में हमारे राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् का योगदान अनुपम और अतुलनीय है। आज, जब राष्ट्रगीत वंदे मातरम् अपनी 150 वर्ष की स्वर्णिम गौरवगाथा के पड़ाव पर है तो हमें स्वाधीनता, राष्ट्रनायकों व महानुभावों का इस गीत को भारत की आत्मा में बसाने के लिए अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहिए।वन्दे भारत सिर्फ़ हमारा राष्ट्रगीत नहीं बल्कि जीते जागते राष्ट्र की आत्मा है। और जब हम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्यरत हैं तो यही राष्ट्रगीत हमारे प्रयासों व कर्मों का ध्येय मंत्र है। आज राष्ट्रीय गीत की 150वीं वर्षगाँठ सिर्फ़ इतिहास को याद करने का अवसर नहीं, बल्कि स्वदेशी के संकल्प को मन-कर्म-वचन से आत्मसात् करने का क्षण है, जिसकी आधारशिला पर विकसित भारत की भव्य प्रतिमा हमें गौरवान्वित करेगी।

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